Sunday, February 2, 2014

"क्षणिक मृत्यु"




मेरी आयु २६ साल ९ महीने हो चुकी है
और आज से ठीक २७ साल ६ महीने पूर्व
मुझे जन्मे जाने की प्रक्रिया के दौरान ही
एक अज्ञात दिवस पर मेरा मृत होना भी तय हो चुका था.........

ये खबर एक हफ्ते पहले की है
एक नवजात दुधमुँहा बच्चा (मेरे जैसे नैन नक्श वाला)
जिसकी माँ उसको जन्म देते ही चल बसी
रात भर भूखा तड़पता रहा व प्रातः ४ बज कर २० मिनट पर
उसकी लाश को गंजेड़ी बाप ने पास के गटर में बहा दिया.......

उसी रोज़ लगभग ३ बज कर १५ मिनट पर
पैदल रोड क्रॉस करते हुए
कुछ क्षणों के लिए जैसे ही मेरी आँख लगी,
ठीक उसी क्षण सड़क हादसे में मेरी ही कद काठी के
एक किशोर की मौके पर मृत्यु हो गयी.......

उस वाकिये के दो रोज़ बाद शहर से
लगभग ५५४ मीटर दूर स्थित छोटे से होटल में
मेरी मुलाकात मेरे ही एक हमशक्ल मनोरोगी से हुई
जिसकी प्रेमिका बीती रात उसके स्वप्न लोक से छूटकर
किसी बुद्धिजीवी के साथ फरार हो गयी
और जो अगली सुबह होटल के पंखे पर झूलता पाया गया.........

उस शाम सूरज डूबने से ठीक पहले
चौक पर स्थित शराबघर में
मेरी ही नाम राशि का एक अवसादग्रस्त अधेड़ उम्र युवक भी
शराब की दो बोतलों में डूब कर चित पड़ गया.............

व उस वारदात के ठीक १३ मिनट बाद
मेरे पड़ोस में रहने वाला निपट अकेला कमज़ोर दिल बूढ़ा
(जिसका वजन लगभग मेरे ही बराबर था)
अत्यधिक रक्त चाप बढ़ने से औंधे मुंह पड़ा था..............

वैसे ही कल रात ठीक ३ बज कर ३७ मिनट पर
मेरे घर के वॉशरूम में एक कॉकरोच भी तड़पता रहा.........
और उसी प्रकार ठीक इस क्षण १० बज कर ३७ मिनट पर
मेरे हाथों एक क़त्ल हो रहा है
जबकि अब मेरी यह कविता भी ख़त्म हो चुकी है................

खैर जन्मे जाने की प्रक्रिया के दौरान ही
एक अज्ञात दिवस पर मेरा मृत होना भी पहले ही तय हो चुका है………………

1 comment:

  1. वाह...क्या कमाल लिखते हो .....भावपूर्ण रचना

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