Friday, February 7, 2014

"अजस्त्र कविता"

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महिला अधिकारों
से जुड़ा मेरा समाजवाद।
निपट अँधेरा कमरा,
रक्त रिसती कलम, 
शब्द षड्यंत्र, 
कालिख पुती शक्ल,
गर्दयुक्त संवेदनाएँ,
मजबूरी व कामनाएं,
निर्वस्त्र अबला,
नग्न कवि,
कोमलता व लाचारी,
हवस व तृप्ति,
शोषण व प्रताड़ना,
कामुकता व वासना,
न्याय की पुकार,
कविता का बलात्कार।।
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