प्राइवेट नौकरी करने वाले मेरे सभी दोस्तों कि उनके बॉस के प्रति फीलिंग्स :D ;)
तेरी "मीठी-मीठी" बातें जैसे शहद हैं कमीने,
तू जैसा-जैसा कहता है हम मान जाते हैं।
तूने "दुनिया" देखी है ये सोच के चुप हो जाते हैं
तू गधे को घोडा कहता है हम मान जाते हैं।
हमें पता है तेरी "स्पॉन्टिनिटी" साले,
तू ख्वाब से खेले जाता है हम देखते रह जाते हैं।
तू है सारे "फसाद" कि "जड़", "जड़" से तुझे पहचान लिया,
फिर भी खुद को कोस-कोस हम रोते रह जाते हैं।
तेरी "अंग्रेजी" अच्छी है तू "इफेक्टिव" "कम्यूनिकेटर" है,
हम तो अब भी "अबाउट मी" रट-रट कर काम चलाते हैं।
पूरे महीने घिस-घिस के हम आधे-आधे होते हैं,
और "मंथ ऐंड" में "सैलरी" देख औंधें मुह गिर जाते हैं।
तू "ठस्से" देता रहता है "अप्रेज़ल" और "इंक्रीमेंट" के,
और "अप्रैल" के इंतज़ार में हम सालों साल बिताते है।
"बैटर लक" का झांसा दे तू हर बार लटकता है,
ऐंड में तुझको गाली देकर फिर से काम पर लग जाते हैं।
तेरी "मीठी-मीठी" बातें जैसे शहद हैं कमीने,
तू जैसा-जैसा कहता है हम मान जाते हैं।
तूने "दुनिया" देखी है ये सोच के चुप हो जाते हैं
तू गधे को घोडा कहता है हम मान जाते हैं।
हमें पता है तेरी "स्पॉन्टिनिटी" साले,
तू ख्वाब से खेले जाता है हम देखते रह जाते हैं।
तू है सारे "फसाद" कि "जड़", "जड़" से तुझे पहचान लिया,
फिर भी खुद को कोस-कोस हम रोते रह जाते हैं।
तेरी "अंग्रेजी" अच्छी है तू "इफेक्टिव" "कम्यूनिकेटर" है,
हम तो अब भी "अबाउट मी" रट-रट कर काम चलाते हैं।
पूरे महीने घिस-घिस के हम आधे-आधे होते हैं,
और "मंथ ऐंड" में "सैलरी" देख औंधें मुह गिर जाते हैं।
तू "ठस्से" देता रहता है "अप्रेज़ल" और "इंक्रीमेंट" के,
और "अप्रैल" के इंतज़ार में हम सालों साल बिताते है।
"बैटर लक" का झांसा दे तू हर बार लटकता है,
ऐंड में तुझको गाली देकर फिर से काम पर लग जाते हैं।
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