Thursday, February 28, 2013

नदी, नाले



अजीब विडम्बना है भारत में,
यहाँ नदियाँ सूख जाती हैं,
और नाले छलकते रहते हैं...
यहाँ नदियाँ "नाले" हैं,
और नालों का जल पेय है..
नाले तो यूँ ही बदनाम होते हैं,
यहाँ तो नदियों के हाल बेहाल हैं..
कूड़ा करकट, गोबर कीचड़,
नालों की पहचान जो हैं,
और नदियाँ जो पवित्र हैं कहने को,
औद्योगिक अवशेष और प्रदूषण 
की सबसे बड़ी मिसाल ये हैं   
रोज़, सुबह-शाम हर घाट पर पूजी जातीं बड़े प्यार से,
अंतत: सब पुष्प, दीप, 
स्नेह श्रद्धा सब इनमें ही बहा दी जाती हैं,
कहने को तो नदीपान से कई रोग, घाव भर जाते हैं,
पर जल से इनके इंसान तो क्या, 
कलकत्ते में मछलियाँ तक मर जाती हैं,
यहाँ पर्वत शिखर से निरंतर बहती नदियाँ 
अंत में नालों में मिल जाती हैं..
और कभी पहचान ही मुश्किल हो जाती है,
की ये नाले हैं या नदियाँ बहती हैं....

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