Saturday, January 21, 2012

दिशाएं कहती हैं



दिशाएं क्या कहती हैं सुनले तू आज,
तुझे जाना है आसमां के पार..

न रुक अगर चाहत है मंजिल की,
तोड़ कर हर ज़ंजीर को, 
न परवाह कर किसी मुश्किल की,
न गवांरा हो तुझे कोई हार,
कमजोरी को बना ले तू अपना हथियार,
तुझे जाना है आसमां के पार... 

भूल जा वो पिछली कहानी को,
वो दर्द, वो अँधेरी रात की काली परछाई को,
तू चल नई सुबह के साथ, 
लिए होंठों पे जीत का राग,
मन में हो तेरे आस बढता जा हर बार,
तुझे जाना है आसमां के पार...

कुछ एसा कर के थम जाये 
वक़्त भी तेरे जाने से,
कोई भी न रोक सके, 
तुझे अपनी पहचान बनाने से 
तू धरती है, तू सागर है,
तेरा बहुत बड़ा है आकार,
तुझे जाना है आसमां के पार...

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