व्याकुल आँखों से मत देख मुझे,
तेरा स्वप्न हूँ मैं तक़दीर नहीं..
हर आँखों में सजता हूँ,
शुरुवात हूँ मैं परिणाम नहीं..
तेरी कल्पना की रचना हूँ,
उड़ान हूँ मैं आकाश नहीं..
उम्मीदों का बादल हूँ,
बूंद हूँ मैं बरसात नहीं..
अँधेरे का दीपक हूँ,
प्रकाश हूँ मैं सूर्य नहीं..
आज धरा पर बसता हूँ,
दृश्य हूँ मैं चमत्कार नहीं..
एक आशावादी विचार हूँ,
मुस्कान हूँ मैं ख़ुशी नहीं..
हर एक की प्यास बुझाता हूँ,
तालाब हूँ मैं सैलाब नहीं..
हर जन में चेतना जगाता हूँ,
औषधि हूँ मैं, उपचार नहीं..
विश्वास का प्रतिक हूँ,
मूरत हूँ मैं भगवान् नहीं...
Truly amazing!
ReplyDeleteAwesome..keep it up
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